Tuesday, November 11, 2008
Wednesday, November 5, 2008
बाल दिवस पर बच्चों को लौटाएं - उनका बचपन
Friday, October 31, 2008
दीपोत्सव
Thursday, October 30, 2008
दिमाग के कारण
Friday, October 3, 2008
दृढ़ संकल्प
Wednesday, October 1, 2008
शुभ नवरात्र
Friday, September 19, 2008
आओ मिलकर पानी बचाएं
Monday, September 15, 2008
अगले बरस तू जल्दी आ!
Wednesday, September 10, 2008
आप भी बनाए दम आलू
Monday, September 8, 2008
स्वास्थ्य
Saturday, September 6, 2008
मेरा सपना - मेरी किताबें
आज मैंने एक सपना देखा। मैं बहुत सी पुस्तकों से घिरी हूँ। न जाने क्या खोज रही हूँ। एक किताब उठाती हूँ, रखती हूँ, दूसरी किताब उठाती हूँ, फ़िर रखती हूँ। किसी के दो पृष्ठ देखती हूँ, तो किसी किताब को पूरा पलटते जाती हूँ, फ़िर रख देती हूँ। बहुत प्यारी हैं, ये किताबें मुझे। बस मैं ऐसे ही किताबों में डूबे रहना चाहती हूँ। न बोलते हुए भी सब-कुछ कह जाती हैं ये किताबें। मेरी हर समस्या का समाधान इन्हीं किताबों में मिल जाता है। दुखी होती हूँ तो किताब साथ देती हैं। भूल जाती हूँ तो किताबें याद दिला देती हैं। लिखने में भी सब से ज्यादा मदद ये किताबें ही करती हैं। जी नहीं सकती मै, इन किताबों के बिना। मेरी जिंदगी हैं ये किताबें। कोई न मिले ये किताबे मिल जायें, तो मेरा जीवन धन्य हो जाए। बिछडा हुआ साथी, भूली- बिसरी यादें, सभी को तारो-ताज़ा कर देती हैं ये किताबें। सफर का अकेलापन, रस्ते की बोरियत या लोगों की फालतू चै-चै सब से मुक्त कर देती हैं-ये किताबें। मैं अब तो सपने मैं भी इन्हीं किताबों के बीच दबी रहती हूँ। जैसे ही वक्त मिलता है, घुस जाती हूँ किसी न किसी किताब में। अब तो ये किताबें ही मेरा सपना भी हैं और हकीकत भी.
Friday, September 5, 2008
सम्मान
Thursday, September 4, 2008
डॉक्टर राधाकृष्णन
जन्मदिन
Wednesday, August 20, 2008
पहचान
पर्यावरण को बनाए हरा-भरा
Tuesday, August 19, 2008
आप भी खाए - मोदक
Monday, August 18, 2008
त्यौहार का महत्त्व
Tuesday, August 12, 2008
अपनी गलती मानना - बड़ी बात है - - -
Monday, August 11, 2008
सीखें 'स्व' का सम्मान करना
भजिये
Saturday, August 9, 2008
मन का दर्पण हैं आँखें
Thursday, August 7, 2008
बॉडी लैंग्वेज यानि देहभाषा
Monday, August 4, 2008
निंदा
Sunday, August 3, 2008
सम्मान
घर हो या बाहर सभी सम्मान पाना चाहते हैं। सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी बहुत जरुरी है। हमारे धर्मग्रन्थ बताते हैं कि सम्मान न देने के कारण महाभारत जैसे वीभत्स युद्ध हुए। दुर्योधन ने अपने भाई पांडवों को सम्मान नही दिया, द्रौपदी ने आपा खो दिया और दुर्योधन को अंधे का पुत्र अँधा कह दिया। dउर्योधन ने भरी सभा में अपनी भाभी का अपमान किया। पूरा खानादान baदले कि आग में जलकर स्वाहा हो गया। सम्मान पाने के चक्कर में सब एक-दुसरे के दुश्मन बनते गए।
दूसरी ओर रामचरित मानस में मंथरा कि कथनी और कैकेई कि जिद से राम को वन जाना पड़ा। परन्तु किसी ने भी किसी का अपमान नही किया। जो जिस सम्मान के लायक थे उन्हें वह सम्मान सभी ने दिया। परस्पर स्नेह बनाए रखने के लिए सभी ने परिस्थितियों का सामना करते हुए, सम्मान बनाए रखा। हमें अपने माता-पिता, शिक्षक, बड़ों और छोटों सभी का सम्मान करना चाहिए जिससे हमें सम्मान मिले।
किशोर कुमार
Saturday, August 2, 2008
मित्रता दिवस
आज मित्रता दिवस है। सभी को शुभकामनाए। दोस्ती वह सम्बन्ध है जो हर रिश्ते से बढ़कर है। इसे निभाना दोनों दोस्तों की आपसी समझ पर निर्भर है। सच्ची दोस्ती वाही है जो बिना किसी प्रतिफल की आशा से की जाती है। दोस्ती में एक दूसरे की भावनाओं को समझकर व्यवहार किया जाता है। दोस्त का दर्द बिना कहे ही जो समझ ले वाही सच्चा दोस्त है। यदि किसी शंका वश मनमुटाव पैदा हो जाए तो उसे तत्काल ही दूर कर लेना चाहिए। पहले आप- पहले आप के चक्कर में नही पढ़ना चाहिए।
Friday, August 1, 2008
मध्यप्रदेश का शिमला - पचमढ़ी
Wednesday, July 30, 2008
जयंती/पुण्यतिथि
Tuesday, July 29, 2008
भविष्य की चुनौतियाँ
Monday, July 28, 2008
हँसी सेहत के लिए वरदान है
Sunday, July 27, 2008
बड़ा अनोखा है - रंगों का संसार
आदर और मर्यादा का रंग है। इसी रंग के karan हम bhavnatmak judav का अनुभव करते हैं। इसी से मिलता julta रंग है jamuni जो shalinta को darshata है। नीला रंग ललित kalaon
की or ingit करता है। यह रंग मन को sukun देता है। नीला रंग सेवा भाव को भी दर्शाता है। प्रयुक्त किया जाता है विवाह पूजा आदि। के लिए पीले रंग का चुनाव अच्छा मन जाताहै जाताहै जाताहै है। पीला नारंगी रंग देवताओं . देवताओं देवताओं देवताओं में प्रयुक्त किया जाता है । विवाह पूजा आदि के लिए पीले रंग का chunav achchha mana jatahai। narangi rang devtaonkamana जाता है । narangi रंग sansarik शक्ति को दर्शाता है . लाल रंग sundarta का prateek mana जाता है
Saturday, July 26, 2008
आवश्यकता
भोजन
मांसाहार एक दृष्टि से जीवहत्या का पर्याय मन जाता है। मांसाहार न तो समग्र आहार है और न ही पूर्ण पौष्टिक। बिना सब्जी, दल, दूध और दही के शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होती। मांस में अनेक इसे हानिकारक तत्व होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। अतः अपने स्वाद की पूर्ति के लिए स्वयं को बीमार न बनाए और जीव हत्या करने से बचें।
Thursday, July 24, 2008
हस्ताक्षर
संशय दूर करें
प्रेम सीखें पक्षियों से
Tuesday, July 22, 2008
स्मरण
समीक्षा
एक कबूतर , चिट्ठी लेकर, पहली- पहली बार उड़ा। मौसम एक गुलेल लिए था पट से नीचे आन गिरा।
बंजर धरती, झुलसे पौधे, बिखरे कांटे तेज हवा, हमने घर बैठे -बैठे ही सारा मंजर देख लिया।
चट्टानों पर खड़ा हुआ तो छाप रह गई पावों की, सोचो कितना बोझ उठाकर मै इन राहों से गुजरा।
सहने को हो गया इकठ्ठा इतना सारा दुःख मन में, कहने को हो गया की देखो अब मैं तुमको भूल गया।
धीरे -धीरे भीग रही हैं साडी ईंटे पानी में, इनको क्या मालूम की आगे चलकर इनका क्या होगा।
Monday, July 21, 2008
बात पकड़ की ----
स्वागत * * * * *
करुणा के बिखरे इस क्षण में, जीवन ज्योत जगाओ।
उमड़ -घुमड़ आशाओ के घन, पथ में बाग लगाओ।
मधुरा कलरव तरुण पल्लवित, सौरभ गीत सुनाओ।
कनुप्रिया के सजल चक्षु में, मिलन के भाव जगाओ।
नूपुर सी झनके तरुनाई, ऐसा राग सुनाओ।
स्वागतम * * * * * *
देश की माटी
पीड़ा को हराने का, खुशियाँ बढ़ाने का, हिलमिलाता सा स्वप्न है मैंने पाला।
स्वागत है उनका जो इसे स्वीकारे,उनका भी स्वागत है जो इससे हारे।
हाथो में हाथ ले साथ देना होगा, इंसा को इंसानियत से मिलाना ही होगा।
जयहिंद !