आज़ादी का पर्व और रक्षाबंधन का पर्व दोनों मन गए। खुशी से हमने मिठाइयां बाटी और खा भी लीं। अब देखें इन दोनों में समानता कहा है। वैसे देखा जाय तो दोनों ही हमें बांधने का , जोड़ने का काम करते हैं। स्वतंत्रता दिवस सारे देश को एक सूत्र में बाँधता है और रक्षा सूत्र एक व्यक्ति से व्यक्ति को आपस में जोड़ता है। इस प्रकार दोनों ही पर्व सभी को जोड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं। पर्वों का प्रमुख उद्देश्य सभी को प्रेम की एक श्रंखला में बांधना है। हमारे देश में अनेक भाषाओँ का प्रयोग करने वाले रहते हैं। वे अलग -अलग पर्व एक साथ मिलकर मानते हैं। जिसका मूल उद्देश्य प्रेम बढ़ाना और एकता में बांधना है। प्रेम और भाईचारे के ये पर्व इसी प्रकार हर्षोल्लास से मनाये जाए इसी आशा के साथ जयहिंद, रक्षा बंधन की शुभकामनायें।
Monday, August 18, 2008
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