Tuesday, August 12, 2008

अपनी गलती मानना - बड़ी बात है - - -

हमारा स्वभाव ही ऐसा है की हम नित नई गलतियाँ करते हैं और उनसे बहुत कुछ सीखते हैं। अपने दोषों को पहचानना और उन्हें दूर करना यही सुखी जीवन का फंडा है । हम जो ग़लत करते हैं उसे स्वीकार करना ही सबसे अच्छी बात है। जो गलती करे और माने नही वह अंधकार में घिरता जाता है। जो गलती करके दोहराता जाता है वह दोषों के महाजाल में फंस जाता है। बुरे विचारो को जल्दी ही मन से हटा दे, अपनी गलती मानकर उसे सुधारने का प्रयास करें। अच्छा व्यवहार एक अद्भुत कला है जिसे हर कोई सीख सकता है। दूसरों के दोष न ढूंढकर अपने दोष देखना साहस का कार्य है। उस दोष को दूर करना ही महानता है। अपनी गलतियाँ माने और उनसे सीखें।

2 comments:

Nitish Raj said...

yadi ye aa jaye to sare fashad khatam ho jayein

Udan Tashtari said...

यहीं से शुरु करते हैं:

मैं अपनी गल्ती मानता हूँ कि आपको पढ़ने देर से आया. आगे से सुधार करने का प्रयास करुँगा.


--आभार इस प्रेरक प्रसंग का.