Thursday, July 24, 2008

प्रेम सीखें पक्षियों से

भारतीय संस्कृति में सदा से पशु और पक्षी पूजनीय रहे। आज भी हम ईश्वर को जिस भी रूप में पूजें, कोइ न कोई पशु या पक्षी उनके साथ होता है हमारे धर्म ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में पशुओं और पक्षियों के दिव्या चक्षुओं की व्याख्या की गई है। इन जीवों के प्रेम और स्नेह का अंदाज अनोखा है। बिना किसी भेदभाव के वे हमारे मित्र बनकर हमारी सहायता करने को तत्पर रहते हैं। फ़िर हम क्यों अपना कर्तव्य और धर्म से भटक रहे हैं। हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर स्नेह और सौहार्द से मिलकर रहना चाहिए।

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