आवश्यकता, आविष्कार की जननी है . इन आवश्कताओं से नवीन विधियों का जन्म होता है। शिक्षा हमारे जीवन की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। जो हमारा सर्वांगीण विकास कराती है। शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती। फ़िर भी यह निर्धारित किया गया है की ५-६ वर्ष की उम्र से शिक्षा का आरंभ होना चाहिए। बाल्यकाल में दी गई शिक्षा प्रभावी और स्थायी होती है, किंतुयदि किसी कारणवश व्यक्ति उस समय शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता तो जब भी मौका मिले उसे अध्ययन में लग जन चाहिए। आजादी के बाद से हमारे देश की सरकार ने शिक्षा सम्बन्धी अनेक योजनाएं चलाई और आज भी चलाई जा रही हैं। आवश्यकता है आपको आगे आकर उसे ग्रहण करने की। यदि एक आम पढ़ा लिखा नागरिक दो व्यक्तियों को शिक्षित करने का बीडा उठा ले तो निश्चय ही देश तरक्की करेगा।
Saturday, July 26, 2008
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1 comment:
lagataar likhte rehne ke liye dhanyawad,hum to likhne main aalas kar jate hain , par aapko padkar achha lagta hai
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