Sunday, July 27, 2008

बड़ा अनोखा है - रंगों का संसार

रंग चाहे इन्द्रधनुष के हों या फूलों के आकर्षित कर ही लेते हैं। रंगों की अलग-अलग पहचान है। हर रंग की अपनी छवि निर्धारित सी है। रंगों के क्रम का भी विशिष्ट स्थान है। देवताओं और सामान्य मनुष्य के लिए रंगों का प्रभाव और महत्त्व भिन्न हो सकता है। अपनी पसंद के अनुसार ही हम रंगों का चयन करते हैं, परन्तु सभी रंगों का वैज्ञानिक प्रभाव हम पर पड़ता है। बै, जा , नी , ह, पी,ना , ला - यह इन्द्रधनुष के रंगों की श्रंखला है। बैगनी रंग आशा से परिपूर्ण
आदर और मर्यादा का रंग है। इसी रंग के karan हम bhavnatmak judav का अनुभव करते हैं। इसी से मिलता julta रंग है jamuni जो shalinta को darshata है। नीला रंग ललित kalaon
की or ingit करता है। यह रंग मन को sukun देता है। नीला रंग सेवा भाव को भी दर्शाता है। प्रयुक्त किया जाता है विवाह पूजा आदि। के लिए पीले रंग का चुनाव अच्छा मन जाताहै जाताहै जाताहै है। पीला नारंगी रंग देवताओं . देवताओं देवताओं देवताओं में प्रयुक्त किया जाता है । विवाह पूजा आदि के लिए पीले रंग का chunav achchha mana jatahai। narangi rang devtaonkamana जाता है । narangi रंग sansarik शक्ति को दर्शाता है . लाल रंग sundarta का prateek mana जाता है

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