साहित्य सृजन को धरातल देने वाले प्रेमचंद को सभी जानते हैं। उनके लेखन ने समाज को जो सीख दी वह आज भी कारगर है। उन्होंने नाटक, कहानियाँ और उपन्यास जो भी लिखे, उनमे मानव जीवन की वास्तविकताएँ व्यक्त की। अपने जीवन के ५६ वर्षों में प्रेमचंद जी ने अपनी प्रगतिशील लेखनी के सुनहरे रंग बिखेरे, जो आज भी उतने ही प्रभावशाली हैं, जिनते रचना के समय रहे। नमन है ऐसी महान कलम को जिसने जीवन को दिशा दी और पाठकों को संतुष्टि।
आज ३१जुलाई kओ भारतीय संगीत जगत के एक अध्याय कहे जाने वाले मोहम्मद रफी का पुन्य स्मरण जरुरी है। संगीत की कोई भी महफ़िल उनकी आवाज दस बिना सूनी रहती है। २५ हजार से भी अधिक गीत गाने वाले रफी हिन्दी फिल्मी संगीत के क्षेत्र में ऐसे महान गायक थे जिन्होंने हर तरह के गीत गाकर ख़ुद को अमर कर दिया । आज वो हमारे बीच नहीं है पर उनके गीत सदा हमारे साथ रहेंगे।