ये जिन्दगी एक पहेली है, सोचा न था। कभी प्यार से बेहाल, कभी क्रोध से लाल। ये जिन्दगी एक पहेली है, देखा न था। कभी प्यार का सागर, कभी सूखी नदी। ये जिन्दगी एक पहेली हो, सोचा न था। कभी मुस्कुरा के स्वीकारा, कभी झिड़की से ठुकराया। ये जिन्दगी एक पहेली रहेगी, कभी ऐसा न हो। खुले दिल की दाद नही, बुझे दिल की बात नही। ये जिन्दगी एक पहेली ही तो है, शायद तुम्हे लगे न लगे।
Thursday, January 1, 2009
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3 comments:
सही कहा आपने।
ये पहेली अंत तक पहेली ही रह जाती है।
इस पहेली को सुलझाने में उम्र बीट जाती है. आभरा. नव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो.
पहेली ही है यह ज़िन्दगी
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