
Saturday, August 9, 2008
मन का दर्पण हैं आँखें

Thursday, August 7, 2008
बॉडी लैंग्वेज यानि देहभाषा
Monday, August 4, 2008
निंदा
Sunday, August 3, 2008
सम्मान
घर हो या बाहर सभी सम्मान पाना चाहते हैं। सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी बहुत जरुरी है। हमारे धर्मग्रन्थ बताते हैं कि सम्मान न देने के कारण महाभारत जैसे वीभत्स युद्ध हुए। दुर्योधन ने अपने भाई पांडवों को सम्मान नही दिया, द्रौपदी ने आपा खो दिया और दुर्योधन को अंधे का पुत्र अँधा कह दिया। dउर्योधन ने भरी सभा में अपनी भाभी का अपमान किया। पूरा खानादान baदले कि आग में जलकर स्वाहा हो गया। सम्मान पाने के चक्कर में सब एक-दुसरे के दुश्मन बनते गए।
दूसरी ओर रामचरित मानस में मंथरा कि कथनी और कैकेई कि जिद से राम को वन जाना पड़ा। परन्तु किसी ने भी किसी का अपमान नही किया। जो जिस सम्मान के लायक थे उन्हें वह सम्मान सभी ने दिया। परस्पर स्नेह बनाए रखने के लिए सभी ने परिस्थितियों का सामना करते हुए, सम्मान बनाए रखा। हमें अपने माता-पिता, शिक्षक, बड़ों और छोटों सभी का सम्मान करना चाहिए जिससे हमें सम्मान मिले।
किशोर कुमार

Saturday, August 2, 2008
मित्रता दिवस

आज मित्रता दिवस है। सभी को शुभकामनाए। दोस्ती वह सम्बन्ध है जो हर रिश्ते से बढ़कर है। इसे निभाना दोनों दोस्तों की आपसी समझ पर निर्भर है। सच्ची दोस्ती वाही है जो बिना किसी प्रतिफल की आशा से की जाती है। दोस्ती में एक दूसरे की भावनाओं को समझकर व्यवहार किया जाता है। दोस्त का दर्द बिना कहे ही जो समझ ले वाही सच्चा दोस्त है। यदि किसी शंका वश मनमुटाव पैदा हो जाए तो उसे तत्काल ही दूर कर लेना चाहिए। पहले आप- पहले आप के चक्कर में नही पढ़ना चाहिए।
Friday, August 1, 2008
मध्यप्रदेश का शिमला - पचमढ़ी
