पानी की कमी निरंतर चढ़ती जा रही है। हम नहाने, कपड़े धोने, पौधे सींचने आदि में बहुत पानी बहाते हैं। कुछ लोग आँगन धोने तथा वाहन आदि धोने में भी पानी व्यर्थ बहाते हैं।इसके साथ ही नल की खुली टोंटी से भी पानी फालतू बहता पाया जाता है। कोई भी इस बारे में सतर्क नहीं है। हमारे घर तो रोज नल आ रहा है न! बाकि की चिंता क्या करें। समस्या हम सभी की है। देश हमारा है। जो भी होगा नुकसान हमारे देश का होगा। इसलिए पानी की भविष्य में होने वाली कमी को ध्यान में रखकर कम पानी फेंके। वाहनों में थोड़ा सा पानी डालकर कपड़े से साफ करें। कपड़े धोने के बाद बचे पानी से आँगन धोएं तथा पेड़ में डालें। केवल तुलसी के पौधे को छोड़कर सभी पौधों में कपड़े धोने का पानी या झूठा पानी डाला जा सकता है।कही टूटी टोंटी देखें तो बदलने के लिए कोशिश करें। नगर निगम के जल प्रदाय संकाय को सूचित करें।
Friday, September 19, 2008
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5 comments:
kam shabdon mai apni baar kahne ke liye badgaaee
bahut nek vichar.. shubhkamnaye
खूबसूरत ख्याल हैं आपके। जल समस्या भविष्य में इतना बड़ा संकट पैदा कर सकती है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। ये भी हो सकता है कि एक दिन पानी के लिए एक और महायुद्ध हो।
सही सलाह-प्रभावी आलेख-सार्थक पहल!!
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!
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