Wednesday, January 20, 2010

आया वसंत




आज विद्या देवी सरस्वती की पूजा है मंदिरों और शालाओं मै पिछले कई दिनों से वसंतोत्सव मानाने की तैयारियां चल रही थी प्रकृति की सुन्दरता का यह पर्व हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है पिली सरसों से खेत और पीले गेंदे के फूलों से बाग मनमोहक लगते हैं आधुनिकता की भागदौड़ मै भी अनायास ही इन पर ध्यान चला जाता है अब झूले और मेलो का कई निश्चित समय तो नहीं रहा, फिर भी मंदिर प्रांगन मै झूले डाले जाते है ठण्ड के कम होने का एहसास तो कल रत से ही होने लगा है आज केसरिया चावल विशेष रूप से बनाये j ते है

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