Monday, September 8, 2008
स्वास्थ्य
कहते हैं मन चंगा तो कठौती में गंगा, यदि मन स्वस्थ है तभी कोई कार्य ठीक से पुरा होता है। और मन तब स्वस्थ रहता है जब तन स्वास्थ हो। बीमार शरीर में रहने वाला मन भी बीमार ही रहता है और कोई भी काम ठीक ढंग से नही होता। इसलिए अपने मन को सदा हँसता - मुस्कुराता रखें। मन के दुरुस्त रहने से सभी काम अधिक गुणवत्ता से किए जा सकते हैं। यदि थकन ज्यादा है तो दूसरा काम शुरू करने से पहले मन को विश्राम दें। आराम की मुद्रा में लेटकर दिनभर के सबसे सुखद क्षण का ध्यान करें। अपने आप आपका मन नई sfurti से bhar जाएगा, फ़िर नया काम करने में maza भी आएगा और सफलता भी मिलेगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
पांच मिनिट के शवासन द्वारा बहुत कुछ हो सकता है!!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- हिन्दी चिट्ठाकारी अपने शैशवावस्था में है. आईये इसे आगे बढाने के लिये कुछ करें. आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
"मन के दुरुस्त रहने से सभी काम अधिक गुणवत्ता से किए जा सकते हैं। "
आपने बड़ी उत्तम बात कहा है।
Post a Comment